सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी देने के लिए एक नई योजना लेकर आई है, जिसे मुख्यमंत्री फैलोशिप प्रोग्राम कहा जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इस योजना के माध्यम से महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारियों के पास युवाओं को जोड़ने का निर्णय लिया है। इस योजना में दसवीं कक्षा से लेकर स्नातक और स्नातकोत्तर तक प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण युवाओं को शामिल किया जाएगा।
इन युवाओं में काम करने की क्रिएटिविटी होनी चाहिए और उन्हें अधिकारियों के पास काम करने का मौका मिलेगा। इस योजना के तहत युवाओं को लगभग ₹40,000 का स्टाइपेंड दिया जाएगा और यह नौकरी 3 साल के लिए होगी।
इस योजना की खास बात यह है कि इसमें 21 से 30 साल तक के युवा भाग ले सकते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि कम उम्र के और ऊर्जावान युवाओं को इसमें मौका दिया जा सके। शुरुआत में, यह युवाओं को 2 साल तक काम करने का अवसर मिलेगा और बाद में एक साल का पीरियड और बढ़ाया जा सकेगा। प्रत्येक महीने ₹40,000 का स्टाइपेंड दिया जाएगा।
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू किए गए युवा मित्र इंटर्नशिप प्रोग्राम को बंद करने पर काफी विरोध हुआ था। अब सरकार ने इसका नाम बदलकर मुख्यमंत्री फैलोशिप प्रोग्राम के रूप में इसे फिर से शुरू किया है।
इस योजना के तहत, युवाओं का कार्य सरकारी योजनाओं का अध्ययन करना, उनका प्रचार-प्रसार करना, लाभार्थियों से संवाद करना और समय-समय पर जो भी योजनाएँ बनेंगी, उनमें युवाओं की राय लेना होगा। हालांकि, उन रायों को मानना या न मानना सरकार का काम होगा।
सरकार का मानना है कि युवा नई योजनाओं को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये युवा योजनाओं का प्रेजेंटेशन करने में भी सहयोग करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, उच्च स्तर पर इस योजना की सैद्धांतिक सहमति मिल चुकी है और अब केवल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मुहर बाकी है।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री फैलोशिप प्रोग्राम के माध्यम से सरकार युवा प्रतिभाओं को महत्वपूर्ण सरकारी कार्यों में शामिल कर उन्हें न केवल रोजगार प्रदान कर रही है, बल्कि सरकारी योजनाओं की कार्यक्षमता को भी बढ़ाने का प्रयास कर रही है।