रोज़ स्कूल जाने और क्लास वर्क पूरा करने वाले विद्यार्थियों को शिक्षा विभाग द्वारा 20 रुपए दिए जाएंगे। यह नई योजना लागू कर दी गई है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए यह एक अच्छी खबर है। अगर ये बच्चे नियमित रूप से स्कूल जाते हैं और अपने क्लास वर्क को पूरा करते हैं, तो उन्हें साल में तीन बार, अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर की अमावस्या को 20 रुपए का पुरस्कार मिलेगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने इस संबंध में सभी सरकारी, प्राथमिक, अपर प्राथमिक और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए आदेश जारी किए हैं।
इस योजना का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति को बढ़ावा देना और उन्हें नियमित स्कूल आने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत प्रत्येक सरकारी स्कूल में उपस्थिति में शीर्ष पांच विद्यार्थियों को 20-20 रुपए के पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। यह पुरस्कार साल में तीन बार दिए जाएंगे और प्रत्येक तीन महीने की अवधि के बाद उपस्थिति के आधार पर विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।
पुरस्कार वितरण स्कूलों में सामुदायिक जागृति दिवस के कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम का नाम सामुदायिक जागृति दिवस रखा गया है। इस दिन स्कूल में शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठक भी होगी, जहां माता-पिता के सामने बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा और उन्हें इनाम दिया जाएगा।
यह कार्यक्रम वर्ष में तीन बार सरकारी स्कूलों में आयोजित किया जाएगा। सरकारी स्कूलों की संख्या लगभग 69,401 है और यह कार्यक्रम हिंदू पंचांग की अमावस्या तिथि को आयोजित किया जाएगा। अमावस्या के दिन कार्यक्रम रखने का मुख्य कारण है कि इस दिन श्रमिक वर्ग काम से छुट्टी रखते हैं। इससे श्रमिकों के बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।
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शिक्षा विभाग सत्र 2024-25 में अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर में अमावस्या के दिन सामुदायिक जागृति कार्यक्रम आयोजित करेगा। अगर अमावस्या के दिन सरकारी अवकाश होगा, तो कार्यक्रम अगले दिन आयोजित किया जाएगा। स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त अविचल चतुर्वेदी ने सामुदायिक जागृति दिवस के आयोजन और पुरस्कार के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इसके अनुसार, साल में तीन बार स्कूल के शीर्ष पांच विद्यार्थियों को 20-20 रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे।